वसंत के आगमन से लोगों के जीवन में नया वसंत आ जाता है ,एक मौसम से दूसरे मौसम में पदार्पण से प्रकृति हमें नूतन परिवर्तन की अनुभूति कराती है जिससे कि मानव जीवन प्रकृति के समीप रहकर स्वयं को स्वस्थ रख सके। इसी बीच रंगों का त्यौहार आकर हमारे अंग -अंग में उमंग -तरंग और तरह -तरह के रंगों से सराबोर कर देता है ,किन्तु इसी बीच लोगों के जीवन में रंग में भंग डालने हेतु चीन से कोरोना वायरस जंगल की आग की तरह पुरे विश्व में धीरे धीरे सुरसा डायन की तरह लोगो को निगलने लगा। आइये जानते है इससे बचने के कुछ उपाय
कोरोना वाइरस होने के कारन
यद्यपि ज्ञात स्रोतों से लगभग ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है की चमगादड़ के मांस खाने से ब्यक्ति जब संक्रमित होता है तब उसके छींक और खांसी के माध्यम से अन्य लोगो में इसकी विकासगती और तीब्र होने लगाती है। किन्तु विश्व में ऐसी जन चर्चा है की चीन जैविक हथियार बना रहा था किसी असावधानी बस यह लैब से बाहर आकर लोगो के बीच फ़ैल गया।कोरोना वायरस का जन्म कैसे हुआ और कब और कैसे लोग संक्रमित हो गए इसके विषय में विश्व जगत में पूर्ण विश्वशनीय जानकारी का अभाव है ,लेकिन जो लोंगो में इस वायरस के लक्षण अब तक ज्ञात हुआ है उसके आधार पर निम्न लक्षण यदि है तो व्यक्ति इस कोरोना वायरस से संक्रमित है। उपर्युक्त तथ्यों को हम प्रमाणिक नहीं कह सकते लेकिन विश्व व्यापी जनचर्चा के आधार पर कुछ उपायों द्वारा मानव जीवन की इस त्रासदी से बचने की एक पहल कर सकते हैं।
कोरोना वायरस कब तक जीवित रह कर और कैसे संक्रमित करता है -
कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति के लक्षण -
मानव जीवन आज जितना प्रकृति से दूर हो रहा है उसके कारन और प्राकृतिक आहारों के आभाव में हमारी प्रतिरोधक क्षमता घटती जा रही है इसलिए हमें अपनी प्रति रोधक क्षमता बढ़ाने के लिए प्रकृति की ओर लौटना पड़ेगा। किसी भी रूप में अपनी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए प्रयाश करे।
कोरोना वाइरस होने के कारन
यद्यपि ज्ञात स्रोतों से लगभग ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है की चमगादड़ के मांस खाने से ब्यक्ति जब संक्रमित होता है तब उसके छींक और खांसी के माध्यम से अन्य लोगो में इसकी विकासगती और तीब्र होने लगाती है। किन्तु विश्व में ऐसी जन चर्चा है की चीन जैविक हथियार बना रहा था किसी असावधानी बस यह लैब से बाहर आकर लोगो के बीच फ़ैल गया।कोरोना वायरस का जन्म कैसे हुआ और कब और कैसे लोग संक्रमित हो गए इसके विषय में विश्व जगत में पूर्ण विश्वशनीय जानकारी का अभाव है ,लेकिन जो लोंगो में इस वायरस के लक्षण अब तक ज्ञात हुआ है उसके आधार पर निम्न लक्षण यदि है तो व्यक्ति इस कोरोना वायरस से संक्रमित है। उपर्युक्त तथ्यों को हम प्रमाणिक नहीं कह सकते लेकिन विश्व व्यापी जनचर्चा के आधार पर कुछ उपायों द्वारा मानव जीवन की इस त्रासदी से बचने की एक पहल कर सकते हैं।
कोरोना वायरस कब तक जीवित रह कर और कैसे संक्रमित करता है -
- इसका वायरस 4 घंटे तक ताँबा के पात्र पर जीवित रहता है।
- 24 घंटे तक गत्ता और कार्डबोर्ड पर जीवित रहता है कोरोना वायरस।
- स्टील के बने बर्तनों पर कोरोना वायरस 72 घंटे तक जीवित रहता है।
कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति के लक्षण -
- कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति को जुकाम के साथ छींक और खाँसी आती है।
- इस से संक्रमित व्यक्ति को सिर दर्द और बुखार रहता है
कोरोना से बचने की सावधानी-
- एक साथ कई लोग एक स्थान पर एकत्रित न हो।
- अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह कम से कम 30 सेकेण्ड तक मल-मल के धोएं।
- खाने -पीने के बर्तनों में डिस्पोजल बर्तन का प्रयोग करें।
- चेहरे पर जो मास्क लगाएं प्रत्येक 6 घंटे पर बदले।
- खाने -पीने के पहले और बाद में भी हाथ अच्छी प्रकार से स्वच्छ जल से धोएं।
- खाने में सदैव शाकाहार का प्रयोग करे।
- टिश्यू पेपर और नैपकिन एक ही बार प्रयोग करे।
- अपनीं प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने के लिए आवंला का स्वरस या आंवला का चूर्ण या आवंला को किसी रुप में अपने आहार में सम्मिलित करे।
- अपने खाने पिने में काली पतियों का प्रायोग करे।
- सर्व सुलभ गिलोय को किसी भी रूप में खाने का प्रयोग करने से प्रतिरोधक छमता बढ़ेगी
- विशेषकर हरी सब्जीयो का प्रयोग अपने आहार में करे।
- देसी गाय का प्रातः काल का ताजा गौमूत्र ५० मिली खाली पेट प्रयोग करे।
- मधुमेंह के रोगी, हार्ट के रोगी एवं वृद्ध व्यक्ति सदैव भीड़ से दूर रहने का प्रयास करें।
- कोरोना वायरस से बच्चों को भी घर अंदर रखने का उपाय अधिक से अधिक करें।
- 6 फुट की दूरी से ही एक दूसरे से सामान का आदान -प्रदान करें और वार्तालाप में भी 6 फुट की दूरी बनाएं रखें।
- किसी से हाथ न मिलाएं अपितु हाथ जोड़ कर प्रणाम करें।
- घर में प्रतिदिन डिटॉल या फिनायल से घर को साफ़ रखें।
- घर में किसी भी प्रकार की गंदगी न करें
मानव जीवन आज जितना प्रकृति से दूर हो रहा है उसके कारन और प्राकृतिक आहारों के आभाव में हमारी प्रतिरोधक क्षमता घटती जा रही है इसलिए हमें अपनी प्रति रोधक क्षमता बढ़ाने के लिए प्रकृति की ओर लौटना पड़ेगा। किसी भी रूप में अपनी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए प्रयाश करे।
2 टिप्पणियाँ
Click here for टिप्पणियाँVidmate apk
ReplyVerry good korona content
ReplyConversionConversion EmoticonEmoticon