यद्यपि डिसेन्ट्री तो आहार या मौसम के परिवर्तन के कारण से भी होता है ,और कई अन्य कारण भी हैं डिसेंट्री होने के,परन्तु किसी भी कारण से पेचिस हो तो सबसे पहले घर पर ही यदि उपचार हो जाय तो इस रोग को आगे बढ़ने से रोका जा सकता है। इसके लिए सबसे पहले गाय या भैस का कच्चा दूध एक कप लेकर उसमे निम्बू का रस इस प्रकार डाले कि दूध फटने से पहले पि लेना है. यदि इस प्रकार एक ही डोज दूध ले लिया जय तो पेचिस की समस्या वही से ख़त्म होने लगती है। यदि फिर भी पेचिस की समस्या बनी रहे तो इसके लिए गुलमोहर की पत्ती एक मुट्ठी लेकर खूब महीन पीसकर और उसमे सादा नमक मिलकर इसके रस को छानकर पि लेना चाहिए। इस प्रकार से सबेरे, दोपहर, साम, कर लियाजाय तो पेचिश बंद होने लगती है। गुलमोहर के पत्तो का रस इस प्रकार से तीन दिन अवश्य लेना चाहिए ताकि पेचिश जड़ से ही ख़त्म हो जाय। यदि पेचिस की समस्या कभी भी इस प्रकार से हो जाय तो दूध और नींबू का रस या गुलमोहर की पत्ती का रस का सेवन सदैव पेचिश ख़त्म होने तक करना चाहिए।
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