आज जब दूध का उत्पादन इतना कम है कि प्रतिव्यक्ति के औसत रूप में 250 ग्राम दूध प्रतिदिन एक व्यक्ति को नहीं मिल पा रहा है ,फिर भी बाजार में दूध और मावा इतना है कि आप जितना चाहें उतना ले सकते हैं।
आखिर कहाँ से इतना दूध और मावा बाजार में उपलब्ध है जो हमारे स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। इसका अर्थ है कि यह दूध और मावा पूरी तरह मिलावटी है। आइये जानते हैं कि मिलावटी दूध और मावा के उत्पाद घर पर ही कैसे पहचान करते हैं। सबसे पहले तो चीनी 8 दाना +नींबू रस दो बूंद +मटर के बराबर पीसी हल्दी तीनों को आपस में अच्छी तरह मिलाकर इसको एक चम्मच दूध में डालने पर यदि दूध का रंग गुलाबी या पीला हो जाय तो समझिये कि दूध मिलावटी है। मावा से बना कोई भी उत्पाद हो उसे थोड़ा गर्म कर पानी में घोल कर {जैसे बर्फी को गर्म पानी में घोलना }इसी घोल में चीनी +नींबू +हल्दी वाला मिश्रण डालने पर यदि मावा के उत्पाद के रंग में परिवर्तन होता है तो मावा का उत्पाद मिलावटी है। यदि दूध में 'स्टार्च 'मिला हो तो हाथ पर लगाने की अंग्रेजी दवा 'आयोडिन 'मिलाने से दूध के रंग में परिवर्तन हो जाय तो दूध मिलावटी है।
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