आमतौर पर लोगों को मोच की शिकायत रहती है। कभी- कभी शरीर के असंतुलन के कारण या चलते-फिरते लोगों को पैर में या हाथ में मोच आ जाय करती है। यद्यपि मोच एक साधारण समस्या है ,लेकिन इसकी अनदेखी की जाय तो यह समस्या गम्भीर हो जाती है। तरह -तरह की औषधि और अनेक प्रकार के उपचार करने पड़ते हैं। यदि समय रहते इस समस्या की प्रारम्भिक अवस्था में ही उपचार कर लिया जाय तो दो से चार दिन में मोच की समस्या खत्म हो जाती है। सर्वप्रथम तो यह ज्ञात करते हैं कि यह मोच की समस्या होती क्यों है। इसके कारण और लक्षण तथा उपचार क्या हैं इस बारे में ज्ञात करते हैं।
मोच होने के कारण -1 -मोच की समस्या हमें तब ही होती है जब चलते समय हमारा पैर आड़े -तिरछे या एक तरफ मुड़ जाता है। कोई काम करते समय हाथ-पैर पर बल पड़ जाता है या खिंचाव हो जाए।
2 -जब कोई कार्य लोग करते हैं तो अचानक शरीर में असंतुलन के कारण भी मोच आ जाती है।
3 -जब कोई सामान उठाते हैं तो शरीर के किसी एक हिस्से पर खिंचाव पड़ने से।
4 -पैदल चलते समय जब सही ढंग से पैर नहीं पड़ता है तो एक तरफ पैर मुड़कर खिंचाव आ जाने से।
5 -साइकिल चलाते समय जब साइकिल के पैडल पर पैर का बल पड़ता है तो नस चटक जाने से मोच आती है।
6 -बाईक की किक मारते समय पैरों में बल पड़ जाने से मोच का आ जाना।
7 -कोई भारी सामान उठाते समय हाथ या पैर में मोच का आ जाना आदि।
नोट -मोच अधिकांश पैर या हाथ में ही आती है।
मोच आने के लक्षण -1 -मोच वाले स्थान पर सूजन का आना और मोच वाले स्थान पर दर्द होता है।
2 -मोच आ जाने पर प्रभावित स्थान में कार्य करते समय पीड़ा रहती है या चमक भी हो सकती है।
3 -किसी भी प्रकार का कार्य करने में मोच आने से कार्य सुचारु रूप से नहीं हो पाता है।
मोच का उपचार -1 -जब भी मोच आ जाए तो सबसे पहले सेंधा नमक +गुन -गुना जल के साथ प्रभावित स्थान को कम से कम सबेरे और सायं सेंकाई करें।
2 -मोच वाले स्थान पर इमली की पत्ती लगभग पचास ग्राम हल्का गर्म कर के प्रभावित स्थान पर सूती कपड़ा से बाँध देना चाहिए या ईमली की पत्ती को पानी में उबाल कर सबेरे सायं प्रभावित स्थान को धोना चाहिए।
3 -सेंधा नमक और गुन -गुना जल से सेंक तब तक करना है जब तक कि मोच ठीक न हो जाय।
मोच का उपचार 2 -मोच उपचार में यदि उपर्युक्त औषधि से लाभ कम मिले तो यह औषधि भी अधिक लाभदायक है। करना केवल इतना है कि मदार का पत्ता चार-पांच लेकर और रोटी बनाने वाले तावा पर सरसों का शुद्ध तेल लगभग पांच मिली गिराकर और तावा हल्का गर्म कर के उसी पर मदार का पत्ता हल्का सा सेंक लें
और जब सहने लायक हो तो मोच के प्रभावित स्थान पर सेंका हुआ मदार का पत्ता रख कर किसी सूती कपड़े से बाँध दें।
2 -मदार के पत्ता पर शुद्ध सरसों का तेल गिराकर तथा पत्ता सेंक कर भी प्रभावित स्थान पर बांध सकते हैं।
3 -इस प्रकार से इसे सबेरे- सायं दोनों समय बांधना है।
मोच का उपचार 3 -यदि मोच उपचार में उपर्युक्त दोनों औषधि का लाभ मिले तो ठीक है ,नहीं तो धतूरा का पत्ता लेकर और मदार के पत्ता जैसा ही सेंक कर प्रभावित स्थान पर सबेरे -सायं सूती कपड़े से बांधने
से अधिक लाभ मिलता है।
सावधानी -1 -तीनों औषधि में से कोई एक ही औषधि का प्रयोग करना है।
2 -इमली का पत्ता या मदार का पत्ता या धतूरा का पत्ता में से कोई एक औषधि का उपयोग करें तो पत्ता सदैव ताजा तोड़ें और पत्ता सूखा न हो।
3 -तीनों में से किसी एक पत्ता का जब भी उपयोंग करें तो पत्तों पर शुद्ध सरसों का तेल ही लगाना है।
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| धतूरा पत्ता |
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| मदार पत्ता |
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| इमली पत्ता |
नोट -तीन औषधि इस लिए दिया गया है कि सबके शरीर में वात ,पित्त ,कफ समान नहीं रहता है



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