अपने शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए अपने आहार में विशेष करके आंवला का प्रयोग करना चाहिए। आंवला की चटनी प्रतिदिन खांए ,आंवला का मुरब्बा प्रतिदिन एक प्रातः,एक सायं खाये। यदि मुरब्बा खाना ही हो तो चीनी का मुरब्बा न बनाकर गुड़ में आंवला का मुरब्बा बनाकर खाना चाहिए। यदि आंवला का मुरब्बा न मिल सके तो आंवला खाकर पानी पीना चाहिए। आंवला के अतिरिक्त संतरा का भी प्रयोग करना चाहिए। १२ महीने आंवला उपलब्ध नहीं होता है तो आंवला को सूखा कर उसका बीज निकालकर आंवला को चूर्ण करके शहद या गुड़ के साथ एक- एक चम्मच प्रातः एवं सायं ले। आंवला के सेवन से प्रतिरोधक क्षमता के साथ साथ पाचन संस्थान भी सबल होता है इसलिए अभी से आज से ही अपने आहार में आंवला का प्रयोग शुरु कर देना चाहिए।
आहार से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ायें
आज कोरोना की महामारी से पूरा देश संक्रमित है और ऐसे में आज हर देश अपने -अपने स्तर पर कोरोना की वैक्सीन ढूँढ़ने में लगा है। वर्तमान में हर देश की कोई न कोई कम्पनी मानव शरीर के प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए तरह-तरह की आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक ,एलोपैथिक ,औषधियों से पुरे बाजार को भर दिया है। इस विपदा में सभी कंपनियाँ कोरोना में अपना बाजार बना रही हैं।
कोई मिठाई में इम्युनिटी पॉवर बता रहा है तो कोई फूडसप्लीमेंट में ,कुछ तो दूध के साथ हल्दी में और कुछ लोग तरह-तरह के काढ़ा में बता रहे हैं।
यद्यपि किसी भी प्रकार का रोग हो तो भी ,और रोग न हो तो भी हम लोग अपने आहार से ही अपनी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए निम्न उपायों द्धारा IMMUNITY बढ़ा सकते हैं।
अनाज से प्रतिरोधक क्षमता
अनाज तो सभी लोग खाते हैं किन्तु क्या खाना और क्यों खाना है ?इसके विषय में जाने बिना ही लोग जब चाहे तब कुछ भी खा लेते हैं। अपने भोजन में यदि कुछ मोटे अनाजों को सम्मिलित करें तो अधिक अच्छा है।
रोटी -जब भी रोटी खाना है तो मक्का ,ज्वार ,बाजरा ,गेहूँ ,जौ ,चना , साँवाँ ,कोदो ,मड़ुआ से बनी रोटी खायें और वर्षा ऋतु में महुआ से बनी रोटी या महुआ को किसी भी रूप में खाना विशेष लाभ है।
दाल -अधिकतर लोग अरहर की दाल खाना पसंद करते हैं ,जब कि हमारे भोजन में अरहर ,चना ,मटर ,मूँग ,उड़द ,मसूर , लतरी ,इन सभी दालों को सम्मिलित करें।
चावल -चावल तो कई प्रकार का खाया जाता है। कोई भी गुण -धर्म वाला चावल हो उन चावलों के साथ साँवाँ ,कोदो ,मड़ुआ का चावल भी खाना चाहिए।
सब्जी -आज के समय में हर प्रकार की सब्जी हर मौसम में लगभग -लगभग सभी स्थान पर उपलब्ध है जैसे -पालक,चौलाई ,कलेमुआँ ,बथुआ ,लौकी ,कोहड़ा (कद्दू )परवल ,बोड़ा ,करैला ,तरोई ,भिन्डी ,सरपुतिया ,बैंगन ,कुंदरू ,खेस्का ,टिंडा ,चिचिन्ह्डा ,हरी मटर ,फूल गोभी ,पत्ता गोभी ,गांठगोभी ,शलजम ,कटहल ,सेम ,देश -काल व मौसम के अनुसार जो भी सब्जी उपलब्ध हो उसे अवश्य खायें।
सलाद -भोजन में सलाद का विशेष महत्त्व है और मूली,टमाटर ,खीरा ,ककड़ी ,गाजर ,सलाद पत्ता ,https://nirog10.blogspot.com/2020/04/spice-of-gun.html#more चुकन्दर ,आदि को भोजन में अधिक महत्त्व दें।
फल -हर मौसम में मिलने वाला फल अवश्य खाएं। https://nirog10.blogspot.com/2020/04/sukhe-fal-se-labh.html#more
अँकुरित अनाज -चना ,मूंग ,सोयाबीन का दाना ,आदि को भींगाकर तथा जब अँकुरित हो जाए तब काला नमक के साथ एवं नींबू रस तथा हरी धनियाँ और टमाटर के साथ खाना अधिक अच्छा है।एक चम्मच चना +एक चम्मच सोयाबीन दाना +एक चम्मच मूँगफली +एक चम्मच मूँग +एक चम्मच किशमिश को रात में भींगोकर प्रातः इसी को खाकर 30 मिनट या एक -दो घण्टे बाद ही कुछ खाया जाय तो यह सबसे अधिक लाभप्रद है। https://nirog10.blogspot.com/2020/03/blog-post_25.html#more
घरेलू औषधि -कुछ ऐसी औषधियाँ हैं जो हमारे आस-पास मिलती रहती हैं और लोग उनका उपयोग करने से चूक जाते हैं जैसे -गिलोय ,तुलसी ,हल्दी ,देशी गाय का यदि ताजा गौमूत्र मिले तो 50 मिली 0 खाली पेट प्रतिदिन प्रातः पीना चाहिए। गौमूत्र से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता तो बढ़ती ही है किन्तु शरीर के बहुत से रोग भी दूर हो जाते हैं।
गिलोय -अपने हाथ के अँगूठे इतना मोटा गिलोय की एक फुट की टहनी को कूटकर इसका रस निकाल कर व छान कर या इसी को चाय की भाँति 5 मिनट 150 मिली लीटर पानी में उबाल कर छान कर प्रतिदिन प्रातः सदैव पीना चाहिए। गिलोय को चाहें तो सुखाकर और इसका चूर्ण बनाकर और इस चूर्ण को एक-दो चम्मच 200 मिली लीटर पानी में रात में मिट्टी के पात्र में भींगोकर प्रातः छानकर भी पी सकते हैं। गिलोय से विशेष प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
तुलसी -तुलसी दो प्रकार की होती है एक रामा तुलसी और एक श्यामा तुलसी होती है। श्यामा तुलसी काली होती है और इसी की 15 -20 पत्ती प्रातः खाली पेट खाकर एक-दो गिलास पानी पीने के कम से कम 30 मिनट बाद ही कुछ खाना -पीना चाहिए। श्यामा तुलसी की पत्ती प्रतिदिन खाने से लाभ तो है किन्तु जब भी चाय पियें तो इसकी 15 -20 पत्ती चाय में डालकर ही पियें तो विशेष लाभ है।इससे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
हल्दी -हल्दी के विषय में सभी लोग बहुत कुछ जानते हैं और हल्दी को अपने हर भोजन में लोग सम्मिलित भी करते हैं। जब भी दूध पीना हो तो एक गिलास दूध में एक चम्मच हल्दी चूर्ण डालकर और दूध गुनगुना करके प्रतिदिन पीने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता अधिक बढ़ती है।
लौकी का जूस -सर्वसाधारण उपलब्ध होने वाली प्र्तेक मौसम में मिलने वाली लौकी का 50 मिलीलीटर रस निकाल कर उसमें चार दाना काली मिर्च का चूर्ण और श्यामा तुलसी की 15 पति डलकर प्रातः खाली पेट पीने से भी प्रतिरोधक क्षमता का विकास अधिक होता है।
नीम -जिस प्रकार से अपने आँगन में तुलसी का विशेष महत्त्व है उसी प्रकार से नीम का भी अति विशेष लाभ है। प्रातः खाली पेट नीम की 5 पत्ती खाकर ऊपर से एक गिलाश पानी पी लेने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता तो बढ़ती ही है और शरीर के बहुत से रोगों को भी यह नीम की पत्ती नष्ट कर देती है।
आहार से प्रतिरोधक क्षमता बढ़ायें
आज कोरोना की महामारी से पूरा देश संक्रमित है और ऐसे में आज हर देश अपने -अपने स्तर पर कोरोना की वैक्सीन ढूँढ़ने में लगा है। वर्तमान में हर देश की कोई न कोई कम्पनी मानव शरीर के प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए तरह-तरह की आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक ,एलोपैथिक ,औषधियों से पुरे बाजार को भर दिया है। इस विपदा में सभी कंपनियाँ कोरोना में अपना बाजार बना रही हैं।
कोई मिठाई में इम्युनिटी पॉवर बता रहा है तो कोई फूडसप्लीमेंट में ,कुछ तो दूध के साथ हल्दी में और कुछ लोग तरह-तरह के काढ़ा में बता रहे हैं।
यद्यपि किसी भी प्रकार का रोग हो तो भी ,और रोग न हो तो भी हम लोग अपने आहार से ही अपनी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए निम्न उपायों द्धारा IMMUNITY बढ़ा सकते हैं।
अनाज से प्रतिरोधक क्षमता
अनाज तो सभी लोग खाते हैं किन्तु क्या खाना और क्यों खाना है ?इसके विषय में जाने बिना ही लोग जब चाहे तब कुछ भी खा लेते हैं। अपने भोजन में यदि कुछ मोटे अनाजों को सम्मिलित करें तो अधिक अच्छा है।
रोटी -जब भी रोटी खाना है तो मक्का ,ज्वार ,बाजरा ,गेहूँ ,जौ ,चना , साँवाँ ,कोदो ,मड़ुआ से बनी रोटी खायें और वर्षा ऋतु में महुआ से बनी रोटी या महुआ को किसी भी रूप में खाना विशेष लाभ है।
दाल -अधिकतर लोग अरहर की दाल खाना पसंद करते हैं ,जब कि हमारे भोजन में अरहर ,चना ,मटर ,मूँग ,उड़द ,मसूर , लतरी ,इन सभी दालों को सम्मिलित करें।
चावल -चावल तो कई प्रकार का खाया जाता है। कोई भी गुण -धर्म वाला चावल हो उन चावलों के साथ साँवाँ ,कोदो ,मड़ुआ का चावल भी खाना चाहिए।
सब्जी -आज के समय में हर प्रकार की सब्जी हर मौसम में लगभग -लगभग सभी स्थान पर उपलब्ध है जैसे -पालक,चौलाई ,कलेमुआँ ,बथुआ ,लौकी ,कोहड़ा (कद्दू )परवल ,बोड़ा ,करैला ,तरोई ,भिन्डी ,सरपुतिया ,बैंगन ,कुंदरू ,खेस्का ,टिंडा ,चिचिन्ह्डा ,हरी मटर ,फूल गोभी ,पत्ता गोभी ,गांठगोभी ,शलजम ,कटहल ,सेम ,देश -काल व मौसम के अनुसार जो भी सब्जी उपलब्ध हो उसे अवश्य खायें।
सलाद -भोजन में सलाद का विशेष महत्त्व है और मूली,टमाटर ,खीरा ,ककड़ी ,गाजर ,सलाद पत्ता ,https://nirog10.blogspot.com/2020/04/spice-of-gun.html#more चुकन्दर ,आदि को भोजन में अधिक महत्त्व दें।
फल -हर मौसम में मिलने वाला फल अवश्य खाएं। https://nirog10.blogspot.com/2020/04/sukhe-fal-se-labh.html#more
अँकुरित अनाज -चना ,मूंग ,सोयाबीन का दाना ,आदि को भींगाकर तथा जब अँकुरित हो जाए तब काला नमक के साथ एवं नींबू रस तथा हरी धनियाँ और टमाटर के साथ खाना अधिक अच्छा है।एक चम्मच चना +एक चम्मच सोयाबीन दाना +एक चम्मच मूँगफली +एक चम्मच मूँग +एक चम्मच किशमिश को रात में भींगोकर प्रातः इसी को खाकर 30 मिनट या एक -दो घण्टे बाद ही कुछ खाया जाय तो यह सबसे अधिक लाभप्रद है। https://nirog10.blogspot.com/2020/03/blog-post_25.html#more
घरेलू औषधि -कुछ ऐसी औषधियाँ हैं जो हमारे आस-पास मिलती रहती हैं और लोग उनका उपयोग करने से चूक जाते हैं जैसे -गिलोय ,तुलसी ,हल्दी ,देशी गाय का यदि ताजा गौमूत्र मिले तो 50 मिली 0 खाली पेट प्रतिदिन प्रातः पीना चाहिए। गौमूत्र से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता तो बढ़ती ही है किन्तु शरीर के बहुत से रोग भी दूर हो जाते हैं।
गिलोय -अपने हाथ के अँगूठे इतना मोटा गिलोय की एक फुट की टहनी को कूटकर इसका रस निकाल कर व छान कर या इसी को चाय की भाँति 5 मिनट 150 मिली लीटर पानी में उबाल कर छान कर प्रतिदिन प्रातः सदैव पीना चाहिए। गिलोय को चाहें तो सुखाकर और इसका चूर्ण बनाकर और इस चूर्ण को एक-दो चम्मच 200 मिली लीटर पानी में रात में मिट्टी के पात्र में भींगोकर प्रातः छानकर भी पी सकते हैं। गिलोय से विशेष प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
तुलसी -तुलसी दो प्रकार की होती है एक रामा तुलसी और एक श्यामा तुलसी होती है। श्यामा तुलसी काली होती है और इसी की 15 -20 पत्ती प्रातः खाली पेट खाकर एक-दो गिलास पानी पीने के कम से कम 30 मिनट बाद ही कुछ खाना -पीना चाहिए। श्यामा तुलसी की पत्ती प्रतिदिन खाने से लाभ तो है किन्तु जब भी चाय पियें तो इसकी 15 -20 पत्ती चाय में डालकर ही पियें तो विशेष लाभ है।इससे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
हल्दी -हल्दी के विषय में सभी लोग बहुत कुछ जानते हैं और हल्दी को अपने हर भोजन में लोग सम्मिलित भी करते हैं। जब भी दूध पीना हो तो एक गिलास दूध में एक चम्मच हल्दी चूर्ण डालकर और दूध गुनगुना करके प्रतिदिन पीने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता अधिक बढ़ती है।
लौकी का जूस -सर्वसाधारण उपलब्ध होने वाली प्र्तेक मौसम में मिलने वाली लौकी का 50 मिलीलीटर रस निकाल कर उसमें चार दाना काली मिर्च का चूर्ण और श्यामा तुलसी की 15 पति डलकर प्रातः खाली पेट पीने से भी प्रतिरोधक क्षमता का विकास अधिक होता है।
नीम -जिस प्रकार से अपने आँगन में तुलसी का विशेष महत्त्व है उसी प्रकार से नीम का भी अति विशेष लाभ है। प्रातः खाली पेट नीम की 5 पत्ती खाकर ऊपर से एक गिलाश पानी पी लेने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता तो बढ़ती ही है और शरीर के बहुत से रोगों को भी यह नीम की पत्ती नष्ट कर देती है।
1 टिप्पणियाँ:
Click here for टिप्पणियाँNic
ConversionConversion EmoticonEmoticon