आमाजीर्ण में जल से उपचार

जब लोग भोजन अधिक कर लेते हैं तो भोजन पचने के बाद उसके कुछ रस शेष रह जाते हैं ,वही रस 'आम 'के रूप में परिवर्तित हो जाता है। जब 'आम 'जीर्ण हो जाता है तो लोग इस दौरान कुछ न कुछ आहार ले लेते हैं ,और यही आहार पूर्ण रूप से न पच कर 'आमाजीर्ण 'हो जाता है। जब आमाजीर्ण हो जाए तो एक गिलास गुनगुना जल में थोड़ा सेंधा नमक डालकर जब -जब प्यास लगे तब -तब इसी प्रकार जल का उपयोग करने से और निराहार 24 घंटे रहकर इस प्रकार से आमाजीर्ण को सदैव के लिए समाप्त कर सकते हैं। 
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