मुख -मण्डल पर यदि झाईं या कील -मुहाँसा हो तो सदैव बैठकर तथा एक घूंट जल मुहँ के अन्दर घुमा -घुमा कर (जैसे ग़ुब्बारा फुलाते पिचकाते हैं )पीना चाहिए। इस प्रकार जल पीने में समय अधिक लगेगा परन्तु बार -बार उपरोक्त विधि से जल पीने से कील -मुहाँसा सदैव के लिए समाप्त होगा। अपने आहार में तैलीय और चिकना आहार का परहेज़ करें।
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