अक्टूबर का महीना शुरू होते ही मौसम करवट लेने लगता है। मौसम कुछ गर्म तो कुछ ठंडा रहता है। कभी दिन गर्म तो कभी रात गर्म ,कभी दिन ठंडा तो कभी रात ठंडी रहती है। यह क्रम लगभग अक्टूबर के मध्य तक चलता रहता है और इसी मौसम परिवर्तन में लोंगो को सर्दी ,जुकाम, बुखार अधिकतर हो जाया करता है। यदि इसमें लोग थोड़ी सी समझदारी से रहें तो सर्दी ,जुकाम ,बुखार से बचा जा सकता है। जब भी सर्दी की शुरआत नाक या गले से होती है तो सबसे पहले गुड़ का प्रयोग करना चाहिए। लोग क्या करते हैं कि गुड़ खाकर पानी पीते हैं ,जब कि उपर्युक्त समस्या हो तो पहले गुड़ खाना चाहिए और फिर पानी पीना चाहिए। गुड़ खाने में सावधानी और गुड़ खाने का नियम -1 -पानी पीने के तुरंत बाद ही गुड़ लगभग 25 ग्राम मुँह में डाल कर तब तक चूसना है जब तक कि गुड़ ख़त्म न हो जाय। 2 -गुड़ जब चूस लें तो 30 मिनट तक कुछ भी खाना या कुछ भी पीना नहीं है। 3 -गुड़ सदैव गन्ने का हो और गुड़ पुराना हो तो अधिक अच्छा है। 4 -25-25 ग्राम गुड़ सबेरे ,दोपहर ,सायं इस प्रकार से तीनों समय और कम से कम तीन दिन तक खाना चाहिए। 5-जब तक ठीक न हो जाय तब तक सदैव गन -गुना जल पीना चाहिए।
6 -खान -पान में ठंडे आहार और ठंडे पेय से परहेज करना चाहिए। 7 -गन्ने का गुड़ लोहू रंग या काला रंग वाला हो तो अधिक अच्छा है।
नोट - रात को सोते समय नाक में शुद्ध सरसों का तेल या शुद्ध देशी घी गाय या भैंस का गुन -गुना कर के दो बूंद नाक में डाल कर सो जाना चाहिए।
1 टिप्पणियाँ:
Click here for टिप्पणियाँAap ka yh upaay mere liye achhaa hay
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