टूथ ब्रश करने के नुकसान

आज कल आधुनिकता में लोग इतने उन्नत हो गए है।  की प्रातः दातुन करना लोगो को गवारपन सा लगता है जबकि आज से ही नहीं आदि से लोग दन्त धावन के रूप में दातुन का ही प्रयोग करते रहे है।  जब भी हम टूथ ब्रश करते है तो हमारे दांतों  के आस पास जमा कैल्शियम धीरे धीरे हलकी परत छोड़ने लगता है जिसके कारण हमारे मसूड़े  कमजोर होने लगते है टूथब्रश  कुछ तो निम्न स्तरीय प्लास्टिक के बने होते है तो कुछ नायलोन के महीन रेसे से बनाये जाते है।  जब हम टूथ ब्रश दातो पर रगड़ते है तो मसूड़ों पर प्रतिदीन के रगड पर दो दांतो के बिच थोड़ा थोड़ा रिक्त स्थान बनने लगता है और यही रिक्त स्थान धीरे धीरे जब अधिक हो जाता है तो हम जो कुछ भी आहार लेते है उसके महीन महीन टुकड़े उन्ही रिक्त स्थान में फंसे रह जाते है जिसके कारण  दांतो में सड़न और दर्द की शुरुआत होने लगाती है। यही क्रम वर्षो तक हमारे आपके साथ चलता रहता है जो दांतो  में गड्ढा , दांतो का गिरना , दांतो का पतला हो जाना , दांतो कि चमक खो जाना मसूड़ों में घाव होना आदि अनेक रोग उत्पन्न होते
        आजकल छोटे छोटे बच्चो को भी टूथब्रश से परिचित कराया जाता है।  यदि इन टूथब्रश करने वाले सभी  छोटे बच्चो पर ध्यान दिया जाय तो परिणाम यही सामने आता है की अब तक जिन बच्चो के दन्त मोतियों जैसे चमकीले थे वो अब अपनी आभा भी खोते चले गये यदि हम बच्चो को अभी से दातुन  करने की आदत  डाले  तो आने वाले दन्त  रोग होने से बच्चो और बड़ो को बचा सकते है. यदि अपने दांतो और मसूड़ों को स्वस्थ रखना चाहते है तो एडवांस बनाना छोड़िए  अपितु प्रकृति की और लौटिए तभी हम अपने और अपने बच्चो के दांतो को स्वस्थ रख सकते है तो आइये कल से क्यों  आज से ही दातुन करते है। 
Previous
Next Post »