इन्हे खाइये ठंडक भगाइये , ठंडक के साथी सात

ठण्ड के मौसम में लोग बहुत कुछ तला-भुना खाते  हैं। लोगों का मन भी ऐसा आहार इस मौसम में बार-बार चाहता है। यदि इस मौसम में कुछ विशेष वस्तु का भोग किया जाय तो ठण्ड के मौसम में लोग अपने सौन्दर्य को निखार भी सकते हैं और ठण्ड के मौसम में आने वाले अनेक रोंगो से भी बच सकते हैं।
                      आइये जानते हैं कि सर्दी के सात साथी कौन-कौन हैं -
1 -मूली-
                  इस मौसम में मूली इस लिए खाना चाहिए कि कैंसर को रोकने में मूली में पाया जाने वाला फाइटोकेमिकल्स तत्व ही कैंसर को रोकने में अधिक सहायक है। हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मूली में पाया जानेवाला एंटीऑक्सीडेंट्स ही प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। मूली में पाया जाने वाला पोटैशियम भी हमारे शरीर में विद्यमान सोडियम पोटैशियम के अनुपात को इतना संतुलित रखता है कि हमें ब्लडप्रेशर को सम रखने में अधिक सहायक होता है। यदि मधुमेंह रोगी हो या मधुमेह रोगी न भी हो तो भी मूली  में विद्यमान पोषकतत्व के कारण हमारे शुगर के स्तर को भी यह मूली सम रखती है। मूली में अन्य भी पोषक तत्व हैं जो हमारे शरीर से हानिकारक तत्त्व को बाहर निकलने का काम करते हैं। इतना ही नहीं अपितु मूली हमारे दाँत और हमारी हड्डियों को भी सबल बनाती है। मूली के ऐसे अनेक गुड़ों के कारण ही मूली को वैज्ञानिकों ने नेचुरल क्लेंजर भी कहते हैं। 




                      




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पालक -ठण्ड के मौसम में पालक भी बहुत महत्त्वपूर्ण है। इसमें आयरन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। पालक खाने से हमारी जीवनी शक्ति भी इसलिए बढ़ती है कि इसमें मिलने वाला प्राकृतिक आयरन हमारे रक्त की गुड़वत्ता को और अच्छा बनाता  है। पालक में कैल्शियम ,मैग्निशयम ,आदि खनिज तत्व भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। यदि हमारे रक्त में हीमोग्लोबिन की कमी या एनीमिया की शिकायत हो तो भी यह हमारे लिए रामबाण है। पालक में पाया जाने वाला फोलिक एसिड ,विटामिन्स तथा मिनरल्स हमारी हड्डियों को दृढ़ बनाता है। विटामिन ए ,सी ,बी -2 ,और विटामिन के का भी अच्छा स्रोत है। पालक में पाया जाने वाला कैल्शियम दूध पिलाने वाली महिलाओं और वृद्ध व्यक्तियों तथा बच्चों के लिए भी अधिक लाभदायक है। हमारी त्वचा को रुखा होने से और नेत्रों की रोशनी को उचित ढंग से रखने में सहायक है। इसके खाने से जोड़ों के दर्द में आराम और हमारा पाचन तंत्र भी सबल रहता है। पालक के खाने से हमारी याददाश्त भी ढंग से काम करती है और इसमें पाया जाने वाला फ्लेवोनाइड्स एंटीओक्सीडेंट्स के कारण हमारी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने से हम शीघ्र रोगी नहीं होते। 
सरसों -मौसम यदि अच्छा रहता है तो अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से ही सरसों का साग मिलने लगता है। सरसों का साग अधिकतर नवम्बर के मध्य से भी कहीं- कहीं मिलने लगता है। इसमें पाया जाने वाला कैल्शियम हमारी हड्डियों को सबल तो बनाता ही है लेकिन इसमें विटामिन ए जो पाया जाता है  हमारे इम्यून सिस्टम को बूस्ट करता है। इसमें पोषक तत्त्व भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है और कैलोरी भी थोड़ी कम मिलती है ,परन्तु हमारे शरीर को सुदृढ़ रखने में सहायक अधिक है।                                                                                                                                                                                                                                          चुकंदर -चुकंदर में एक विशेष गुण यह भी है कि हमारे हिर्दय रोग में भी लाभ करता है। चुकंदर  में पाया जाने वाला आयोडीन ,क्लोरीन ,सल्फर ,कैल्शियम ,सोडियम ,पोटैशियम ,फॉस्फोरस ,आदि हमारे शरीर को सही ढंग से रखने में सहायक होता है। इसमें विटामिन बी 1 ,बी 2 ,विटामिन सी भी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। चुकंदर खाने से हमें हीमोग्लोबिन इतना मिलता है कि हमारे रक्त को तो साफ करता ही है और एनीमिया भी नहीं होने देता है। यदि अनीमिया हो तो चुकंदर का जूस 50 ग्राम या चुकंदर ही 50 ग्राम प्रतिदिन खाया जाय तो 3 दिन में ही एनीमिया को काफी कवर कर लेता है। इसमें पाया जाने वाला आयरन ,मिनरल्स ,विटामिन्स आदि हमारे बीपी को ढंग से रखने में अधिक सहायक है। 
                              अमरुद -अमरुद जब भी खाना हो तो बीज सहित खाना चाहिए क्यों कि इस तरह से खाने से कभी भी कब्ज नहीं होता है। अमरुद में पाया जाने वाला फाइबर और अनेक एंटीऑक्सीडेंट्स के कारण हमारे त्वचा पर समय से पहले आने वाली झुर्री को रोकने का काम करता है। इसमें पाया जाने वाला एंटीकैंसर और एंटीट्यूमर गुण हमें अनेक प्रकार के कैंसर को होने से रोकने में अधिक सहायक है। अमरुद का यही गुण कैंसर के सेल्स को मारने में अधिक सहायक होता है। इस फल में इतना मैग्नीशियम मिलता है कि 
इसके खाने से हमारे मसल्स और नर्वस सिस्टम संतुलित रहता है कि हमें किसी भी तनाव के न  होने में लाभ करता है। अमरुद खाने से हमारे शरीर में पोटैशियम और सोडियम की मात्रा भी अधिक संतुलित रहती है जिसके कारण हमारा रक्तचाप भी संतुलित रहता है। अधिक से अधिक लोंगो को केवल यही ज्ञात है कि संतरा में सर्वाधिक विटामिन सी पाया जाता है ,जब कि संतरा से 5 गुना अधिक इसमें विटामिन सी पाया जाता है। अमरुद में आयरन ,कैल्शियम ,पोटैशियम ,ल्यूटिन  और सॉल्यूबल डाइटी फाइबर भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। यदि एक अमरुद प्रतिदिन खाया जाय तो यह हमारी प्रतिरोधक क्षमता को तो बढ़ाता ही है साथ ही साथ इसमें कम कैलोरी होने के कारण हमें स्लिम होने में भी अधिक सहायक होता है। यदि अमरुद खाएं या अमरुद 
का कोई भी बना उत्पाद हो इसके खाने से हमारा पाचन तंत्र सबल रहता है। 
 शिमलामिर्च -शिमला मिर्च  के खाने से सर्वधिक हमें पोषक तत्व प्राप्त होते हैं। इसमें इतने विटामिन होते हैं कि इसके खाने से हमें हिर्दय ,आँख ,त्वचा ,के रोग न होने में अधिक सहायक होते हैं। शिमलामिर्च में कैलोरी तो कम होती है परन्तु विटामिन ए ,बी ,सी ,ई ,प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जिससे हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है ,जिसके कारण हम निरोग रहते हैं। 

बंदगोभी -बंदगोभी भी हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभप्रद है। आजकल तो हर बाजार में यह सब्जी 
सरलता से उपलब्ध रहती है। इसके  खाने से हमारी स्मृति सबल रहती है। बंदगोभी का एक अवगुण यह भी है कि यह बादी होती है लेकिन इसे पकाकर भी खाया जाता है और कच्चा भी खाया जाता है। यदि कच्चा खाना है तो अधिक से अधिक एक कप ही खाना चाहिए। बंदगोभी में कोलेस्ट्रॉल को कम करने की क्षमता के साथ ही साथ यह कैंसर और मधुमेहं से बचाने वाले बहुत अधिक पोषकतत्व हैं। इसमें विटामिन सी और विटामिन के तो होता ही है परन्तु फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट्स ,एंटीकार्सिनोजेनिक कंपाउंड्स भी होते हैं जो हमरे स्वास्थ्य को अधिक सुरक्षित रखते हैं। 
               इन सात आहारों के साथ ही साथ हमें ठंडक के मौसम में ऐसा आहार भी लेना चाहिए जिसकी तासीर गर्म हो ,जैसे -चना गुड़ ,मूंगफली और गुड़ ,सफेद तिल की चटनी आदि। 






ठंडक के साथी सात  

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